Big Change In UP Education: यूपी शिक्षा विभाग में 1 जुलाई से ऐतिहासिक बदलाव, शिक्षक सड़कों पर उतर करेंगे भारी विरोध

By
On:
Follow Us

Big Change In UP Education: उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में अब तक के सबसे बड़े ऐतिहासिक बदलाव करने का निर्णय लिया है जो की 1 जुलाई से प्रदेश भर में लागू होने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रदेश भर के शिक्षक खुश नहीं है और सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी बड़े बदलाव लागू किया जा रहे हैं जो की 1 जुलाई से फिर प्रभावी माने जाएंगे। आईए जानते हैं उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में क्या है यह बड़े बदलाव जिससे पूरे शिक्षा जगत में हलचल मची है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग में 1 जुलाई से होंगे बड़े बदलाव

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग की बात की जाए तो 1 जुलाई से सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अब 1 जुलाई 2025 से राज्य के सभी राजकीय और मान्यता प्राप्त स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति यानी कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू की जाएगी कक्षा 9 से 12 तक के सभी विद्यालयों में अब ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है अध्यापकों के साथ-साथ अब बच्चों को भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करानी होगी इसके साथ-साथ शिक्षकों और सभी स्टाफ को भी डिजिटल माध्यम से नियमित रूप से ऑनलाइन हाजिरी देनी होगी।

अब तक टेबल ऑफलाइन माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाती थी जो की पूरी प्रक्रिया स्कूलों पर ही निर्भरती जिसमें केवल कागजी तौर पर नामांकन और उपस्थित दर्ज होती थी और वास्तविक रूप में स्कूल ना आने की शिकायतें मिलती थी अब नई डिजिटल प्रणाली के माध्यम से छात्रों को हर रोज उपस्थिति का रिकॉर्ड तुरंत तैयार करना होगा और बोर्ड को भेजना होगा अब ऐसे छात्रों की पहचान करना काफी आसान हो जाएगा जो केवल नाम के लिए पंजीकृत किए हुए हैं लेकिन स्कूल में आकर कक्षाओं में भाग नहीं लेते हैं सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के उद्देश्य से लागू किया गया है हालांकि बड़ी संख्या में शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग में 1 जुलाई से ऐतिहासिक बदलाव

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में 1 जुलाई से ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किया था जिसके अंतर्गत काम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को बड़े विद्यालयों में विलय करने का निर्देश दिया गया है हालांकि न्यूनतम छात्र संख्या निर्धारित ना करके 50 से 100 छात्रों वाले स्कूलों को भी बंद करके पास के विद्यालय में शिफ्ट करने की योजना बनाई है उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय से प्रदेश भर के 1.35 लाख सहायक शिक्षक प्रभावित होंगे इसके साथ-साथ 27000 प्रधानाध्यापकों के पद भी समाप्त हो जाएंगे वहीं उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षामित्र अनुदेशकों और रसोइयों की नौकरी पर भी संकट गहरा गया है।

हजारों की संख्या में सरकारी स्कूल हो जाएंगे बंद

यूपी में काम नामांकन वाले विद्यालयों की बात की जाए तो यह संख्या 27000 से अधिक बताई जा रही है जिसमें 10 लाख से अधिक बच्चे और एक लाख से अधिक टीचर्स है उत्तर प्रदेश सरकार के नए आदेश के बाद काम नामांकन वाले विद्यालय को बंद करके उसे स्कूल के बच्चे और स्टाफ को पास के विद्यलयों में शिफ्ट कर दिया जाएगा और रिक्त होने वाले विद्यालयों के भावनाओं को आंगनबाड़ी बाल वाटिका की कक्षाएं संचालित करने के लिए दिया जाएगा इस आंगनवाड़ी बाल वाटिका केंद्र में एक ईसीसीई एजुकेटर की तैनाती भी की जाएगी। वही कक्षा 1 से 5 तक के पढ़ने वाले छोटे बच्चों को पड़ोस के विद्यालयों में जाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

प्रदेश भर के शिक्षकों भारी नाराजगी

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग से लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों में भारी नाराजगी है उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षक जहां एक और डिजिटल हाजिरी का विरोध कर रहे हैं तो बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूल बंद किए जाने का बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है और सरकार से स्कूल बंद करके पास के विद्यालय में शिफ्ट करने के आदेश को वापस लेने की मांग की है शिक्षकों का कहना है कि ऐसा करने पर शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षामित्र रसोईया अनुदेशक के पद भी समाप्त हो जाएंगे इसके अतिरिक्त नए विज्ञापन जारी होने या फिर प्रमोशन के रास्ते भी पूरी तरह बंद हो जाएंगे हालांकि सरकार की ओर से आदेश को वापस लेने संबंधित कोई भी कदम नहीं उठाया गया है ऐसे में प्रदेश भर के शिक्षकों ने आंदोलन करने का फैसला किया है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now