UP School Merger Big News: उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में बड़ा उलट फेर किया जा रहा है बेसिक शिक्षा विभाग की बात की जाए तो काम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय पास के स्कूलों में किया जा रहा है पहले यह संख्या 20 बच्चों तक सीमित थी हालांकि टारगेट 50 नामांकन तक रखा गया था यानी कि पहले चरण में 20 से कम नामांकन वाले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा वहीं बाद में 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों को पास के विद्यालयों में विलय करने का निर्णय लिया गया हालांकि इस विलय अभियान में अब यह संख्या 70 तक पहुंच गई है।
20, 50 नहीं अब 70 नामांकन वाले विद्यालय भी बंद
बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में विलय करने की प्रक्रिया 1 जुलाई से चल रही है काम नामांकन वाले विद्यालयों को पास के विद्यालयों में विलय किया गया है हालांकि पहले यह संख्या 50 तक निर्धारित की गई थी और कहा गया था 50 से काम वाले विद्यालयों को पास के विद्यालय में विलय किया जाएगा हालांकि कार्यालय जिला बेसिक वित्त अधिकारी हरदोई की ओर से जारी किया गया आदेश के बाद 70 नामांकन वाले विद्यालय को भी पड़ोस के विद्यालय में मर्ज कर दिया गया है अब यह संख्या 70 तक पहुंच गई है जिसको लेकर शिक्षक कर्मचारी और अभिभावक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्कूल बंद करने के विरोध में सड़क पर उतरे शिक्षक संगठन
हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बंद करने के फैसले पर प्रदेश भर के शिक्षक संगठन सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं शिक्षकों का कहना है विलय के नाम पर स्कूलों को बंद किया जा रहा है और यहां शिक्षकों को सर प्लस दिखाया जा रहा है साथ ही विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद समाप्त कर दिए गए हैं इसके साथ-साथ इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र रसोईया के पदों पर भी संकट गहरा गया है इसके साथ-साथ इन स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चे भी स्कूल से दूर हो गए हैं उन्हें दूसरे स्कूल में पहुंचने पर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर अभिभावक भी स्कूल बंद करने का विरोध कर रहे हैं स्कूल मर्जर के विरोध में 3 जुलाई से 8 जुलाई तक विरोध अभियान चलाया जाएगा।
राष्ट्रीय भारतीय छात्र संगठन भी उतरे विरोध में
राष्ट्रीय भारतीय छात्र संगठन ने प्रदेश सरकार के स्कूल विलय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने का फैसला किया किया है भारतीय छात्र संगठन का कहना है कि ऐसा करने से छोटे बच्चों की शिक्षा समाप्त हो जाएगी और गरीब बच्चे शिक्षा से काफी दूर हो जाएंगे साथ ही प्रदेश में 15 लाख से अधिक डीएलएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी जो कि शिक्षक विज्ञापन का इंतजार कर रहे हैं उनका इंतजार कभी समाप्त नहीं होगा क्योंकि बड़ी संख्या में शिक्षकों को सर प्लस कर दिया गया है नया विज्ञापन जारी होना तो दूर उसके बारे में भी सोचना बेमानी बन गई है।