राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी कि एनसीटीई ने शिक्षकों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता को लेकर बड़ा कदम उठाया है लगातार एनसीटीई शिक्षक प्रशिक्षण को लेकर बीएड और डीएलएड कॉलेज पर डंडा चला रही है 2962 अध्यापक शिक्षा संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी है इन सभी संस्थाओं ने मार्च और अप्रैल महीने में कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद भी एनसीटीई को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन जमा नहीं की थी जिसके कारण एनसीटीई ने इन सभी संस्थाओं की मान्यता रद्द कर दी है।
2025-26 एडमिशन प्रक्रिया से सभी कॉलेज बाहर
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद अब लगभग यह 3000 संस्थान अपने यहां छात्रों को डीएलएड B.Ed में प्रवेश नहीं दे पाएंगे साथ ही आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया में भी यह सभी संस्थान भाग नहीं लेंगे इन सभी संस्थाओं में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह रोक दी गई है अगर इसके बावजूद भी कोई भी छात्र इन संस्थानों में एडमिशन लेता है तो उसकी डिग्री अवैध मानी जाएगी।
डिग्री पूरी करने का मिलेगा मौका
एनसीटीई ने मान्यता रद्द करने के साथ ही छात्रों को बड़ी राहत दी है ऐसे सभी छात्र जो शैक्षणिक सत्र 2024-25 तक एडमिशन ले चुके हैं और वर्तमान में कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं उन सभी को कोर्स पूरा करने की अनुमति दी गई है ऐसे सभी छात्र इन संस्थाओं से पिछले सत्र में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं उन सभी को डिग्री पूरी करने का मौका दिया गया है जिससे लाखों छात्रों को राहत मिली है।
एनसीटीई ने आदेश की अवहेलना पर उठाया बड़ा कदम
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन टीचर एजुकेशन सिस्टम पर कड़ी निगरानी रख रही है और सरकार द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण मुद्दे को प्राथमिकता के साथ लिया जा रहा है एनसीटीई ने सितंबर 2019 में पीएआर जमा करना अनिवार्य कर दिया था जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके की मान्यता प्राप्त संस्थान एनसीटीई के मानदंडों तथा दिशा निर्देशों के अनुपालन करते हैं या फिर नहीं कर रहे हैं लेकिन हजारों की संख्या में ऐसे संस्थान है जिन्होंने जवाब ही नहीं दिया है एनसीटीई कई महीने से कॉलेज को लगातार पीएआर अपलोड करने के निर्देश दे रही थी लेकिन अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद भी PAR जमा न करने वाले सभी संस्थाओं को अंतिम तिथि डेडलाइन 30 दिसंबर 2024 तक का समय दिया गया था।
डेडलाइन खत्म होते ही जारी की अधिसूचना
जानकारी के लिए बता दें सभी संस्थाओं को 30 दिसंबर 2024 तक की डैड लाइन जारी की गई थी नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए एनसीटीई की उतरी क्षेत्रीय समिति के हरिश्चंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता मैं एक कमेटी गठित की गई थी जिसमें पांच सदस्य शामिल किए गए थे मार्च और अप्रैल 2025 में एनसीटीई ने 2021-22 और 2022-23 के पीएआर जमा न करने वाले संस्थानों को नोटिस जारी किया था इसके बाद अप्रैल और मई 2025 में एनसीटीई ने नोटिस का जवाब न देने वाले सभी डिफाल्टर संस्थाओं की मान्यता रद्द करने की सूचना जारी कर दी।
लिस्ट में यूपी का नाम सबसे ऊपर
जानकारी के लिए बता दें उत्तर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर है जहां 1059 मान्यता रद्द कर दी गई है जो कि क्षेत्र के कुल 86% और राष्ट्रीय स्तर पर 37% से अधिक है यानी की सबसे अधिक कॉलेज की मान्यता उत्तर प्रदेश में रद्द की गई है तमिलनाडु में 361 और कर्नाटक में 224 संस्थाओं की मान्यता रद्द करी गई है जबकि महाराष्ट्र में 571 कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है गुजरात और राजस्थान में बात की जाए तो 63-63 संस्थान है जिनकी मान्यता रद्द कर दी गई है पश्चिम बंगाल में 18 संस्थाओं की मान्यता रद्द की गई है।
यूपी के 1059 कॉलेज लिस्ट में शामिल
उत्तर प्रदेश में 1059 कॉलेज पर कार्यवाही की गई है सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश में डीएलएड के 380 कॉलेज की मान्यता रद्द हुई है व्यक्ति बेड के 178 और बीपीएड के 22 कॉलेज ऐसे हैं जिनकी मान्यता रद्द कर दी गई है वहीं एमएड 22 कॉलेज भी इस कार्रवाई भी शामिल हैं। बता दें इस महीने यूपी बीएड की काउंसलिंग प्रस्तावित है और संबंधित विश्वविद्यालय कॉलेज के नाम भेजे जा चुके हैं ऐसे में मान्यता खत्म होने का मामला अदालत में जाने के आसार देख रहे हैं बता दें उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 50 से अधिक कॉलेज भी लिस्ट में आ गए हैं।