Contract Employees Regularization Good News: संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने का कोर्ट का बड़ा फैसला, 10 साल की सेवा करने वाले होंगे स्थाई

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Contract Employees Regularization Good News:: संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन करके अपनी मांग पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं इसी बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को रेगुलर करने का आदेश जारी किया है बताया जा रहा है कि यह सभी कर्मचारी पिछले कई सालों से अपनी सेवाएं संबंधित विभागों को दे रहे थे।

Contract Employees Regularization Good News

इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव ने की न्यायालय ने याची भगवान दास और 15 अन्य द्वारा दायर याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश जारी किया है जानकारी के लिए बता दें याचिकाकर्ता वोल्बमैन और पंप ऑपरेटर के पदों पर काम कर रहे थे राज्य सरकार द्वारा 2006 में ठेका श्रम प्रणाली की समाप्ति के बाद उन्हें एक सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से अपनी सेवा को जारी रखा 28 जुलाई 2006 को इसी तरह से 79 ठेका सिर्फ लोगों को भी रेगुलर किया गया था जिसे याचिका कर्ताओं ने नगर निगम से उन्हें लाभ देने का अनुरोध किया था लेकिन उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था वहीं 12 दिसंबर 2019 को उनके अनुरोध को खारिज करने के बाद याचिका कर्ताओं ने उमा देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अपनी सेवाओं को रेगुलर करने की मांग की थी और उच्च न्यायालय में याचिका दायर की न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक ठेकेदार के माध्यम से वैधानिक प्राधिकरण की सेवाएं प्रदान की हैं जैसे कि आउटसोर्स एजेंसी के नाम से जाना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया रेगुलर सेवा का आदेश

यह ठेका कर्मचारी नगर निगम में भर्ती प्रतिबंध के कारण स्वीकृत पदों के विरुद्ध काम कर रहे थे कोर्ट ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से ठेका श्रम और आउटसोर्सिंग की सीधी भर्ती से बचने के तरीकों के रूप में पहले ही मान्यता दी है उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि याचिका कर्ता केवल सेवा की निरंतरता के हकदार होंगे उनकी सेवा अवधि रिटायरमेंट के बाद के लाभों में मानी जाएगी न्यायमूर्ति यादव ने निष्कर्ष निकाला की रेगुलर आदेश उस तारीख से प्रभावित होगा जब उन्होंने 10 साल की सेवा पूरी कर ली थी। न्यायालय द्वारा दिए गए अपने इस फैसले के बाद इन क्षमता कर्मचारियों की सेवाएं नियमित हो जाएगी 28 वर्षों से संविदा के तौर पर कार्य कर रहे इन संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है जो की अन्य राज्यों के सभ्यता कर्मचारियों के लिए भी एक नजीर साबित हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

कोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि संविदा और आउटसोर्सिंग प्रणाली को सीधी भर्ती से बचने का एक तरीका बनाया गया है जो कि कर्मचारियों के भविष्य को लेकर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है ऐसे में इन सभी कर्मचारियों को केवल सेवा की निरंतरता का लाभ मिलेगा और साथी उनकी सेवा की अवधि रिटायरमेंट के लाभों में भी जोड़ी जाएगी अब 10 साल की सेवा पूरी कर चुके इन संविदा कर्मचारियों को उसी दिन से लाभ दिया जाएगा जिस स्थिति को उन्होंने 10 साल की सेवा पूरी कर ली थी।

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