UP BED College Big Breaking: उत्तर प्रदेश में बीएड करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है हाल ही में झांसी विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश B.Ed प्रवेश परीक्षा का आयोजन कराया गया था जिसका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है अब छात्रों को काउंसलिंग का इंतजार है हालांकि काउंसलिंग से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेजों बड़ी कार्रवाई की है डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से संबंध 67 बीएड कॉलेजों में सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश पर रोक लगा दी है।
UP BED College Big Breaking
उत्तर प्रदेश में B.Ed कॉलेज की मान्यता को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है पहले एनसीटीई ने बड़ी संख्या में कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी है वहीं अब उत्तर प्रदेश के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विद्यालय ने 67 B.Ed कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है साथ ही दो बीपीएड और एक M.Ed कॉलेज पर भी कार्रवाई की गई है इन सभी कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिया है अब बीएड प्रवेश परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थी इन बीएड कॉलेज में एडमिशन नहीं ले सकेंगे अगर आप भी B.Ed करने की सोच रहे हैं तो इन कॉलेज की लिस्ट जरूर देख लें अन्यथा आपका भविष्य बर्बाद हो सकता है।
सभी कॉलेज B.Ed काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर
जानकारी के लिए बता दें ऐसे सभी कॉलेज जिनकी मान्यता विश्वविद्यालय ने समाप्त कर दी है उन सभी कॉलेजों को इस बार बीएड काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है यह सभी कॉलेज अब आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे जिससे विश्वविद्यालय की B.Ed सीटों की संख्या काफी कम हो गई है जानकारी के लिए बता दें यह कार्रवाई नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी कि एनसीटीई की ओर से की गई है।
एडमिशन से पहले करें कॉलेज की मान्यता चेक
B.Ed में एडमिशन लेने से पहले अपने कॉलेज की मान्यता चेक जरूर कर लें क्योंकि जारी किए गए आदेश के अनुसार इन कॉलेज में अब अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है विश्वविद्यालय के जिन 70 कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है उनमें 67 केवल बीएड संचालित करते हैं जबकि तीन में एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं।
क्यों कर दी मान्यता रद्द
बता दें एनसीटीई ने देश भर के कॉलेज की गुणवत्ता जचने के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू की थी जिसके अंतर्गत कॉलेजों से पुराने सत्र की रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन किसी भी कॉलेज द्वारा जमा न करने के कारण एनसीटीई एक्ट 1993 की धारा 17 एक के अंतर्गत कारण बताओं नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन फिर भी जवाब न मिलने के कारण 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई शेष के खिलाफ जांच चल रही है इसके साथ-साथ डमी कॉलेज पर भी गाज गिर गई है नई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद एनसीटीई ने डमी शिक्षण संस्थानों पर भी शिक्षक छात्रों की पहचान के लिए पर रिपोर्ट लागू की थी।