UP Primary School Pearing : उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में कम नामांकन वाले प्राइमरी स्कूलों को विलय किया जा रहा है जिसको लेकर शिक्षकों का विभाग को जनप्रतिनिधियों में काफी आक्रोश है कई जगहों पर अभिभावक शिक्षक और विपक्ष ने स्कूल बंद करने का विरोध जता रहे हैं वहीं बेसिक शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूलों को बंद ना करके विलय करने की बात कर रहा है। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां 50 से कम नामांकन है प्रदेश भर में देखा जाए तो 20000 से अधिक विद्यालय कम नामांकन वाले हैं अगर सरकार इन विद्यालयों को बंद कर देती है तो इसमें पढ़ने वाले बच्चों और कार्यरत स्टाफ का क्या होगा इसको लेकर बेसिक शिक्षा विभाग से बड़ी अपडेट निकाल कर आ रही है।
यूपी के प्राइमरी स्कूल नहीं होंगे बंद?
जैसा कि सरकार उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को बंद ना करके विलय करने की बात कर रही है इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि विद्यालय मर्जर हेतु संख्या निर्धारण न किए जाने पर महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि BSA को कम से कम संख्या वाले विद्यालय चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है मर्जर का प्रस्ताव विद्यालय प्रबंध समिति के पारित प्रस्ताव पर ही किया जाएगा इसके अतिरिक्त मर्जर हेतु सहमति संबंधित विद्यालय के शिक्षक से जबरन नहीं लिखवाई जाएगी इसके साथ-साथ मर्जर वाले विद्यालय का यू डाइस कोड भी समाप्त नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्र रसोईया आदि का हित भी प्रभावित नहीं होगा वे अपने पदों पर यथावत कार्य करते रहेंगे इसके अतिरिक्त महानिदेशक ने यह सब लिखित रूप में भी जारी करने को कहा है इसके साथ-साथ शिक्षकों के स्वीकृत पद किसी भी दशा में कम या समाप्त नहीं किए जाएंगे।
इसके साथ ही महानिदेशक महोदय ने विलय होने वाले स्कूलों को लेकर एक और महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है उन्होंने बताया कि जिस दिन मर्जर विद्यालय की संख्या बढ़ जाएगी वह विद्यालय अपने मूल स्थान पर फिर से शुरू कर दिए जाएंगे यानी कि अभी जिस विद्यालय में कम नामांकन के कारण उसे दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है अगर उस विद्यालय में फिर से न्यूनतम नामांकन पूरा हो जाएगा तो वह विद्यालय फिर से पुराने विद्यालय में संचालित होने लगेगा।
गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को किया जाएगा बंद
इसके साथ-साथ शिक्षा विभाग की ओर से जारी महत्वपूर्ण खबर के अनुसार गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को अभियान चलाकर पूरी तरह बंद कराया जाएगा निर्धारित मानकों से विपरीत जाकर अगर स्थिति विद्यालयों के आसपास मान्यता प्रदान की गई है तो ऐसे विद्यालयों की जांच कर कर दोषियों को दंडित भी किया जाएगा।